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Chapter 16 यतीन्द्र मिश्रा ( नौबतखाने में इबादत )

Class 10th हिन्दी क्षितिज भाग -2


कक्षा 10 की एनसीईआरटी पुस्तक "क्षितिज भाग 2" यतीन्द्र मिश्रा (नौबतखाने में इबादत)

कक्षा 10 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक "क्षितिज भाग 2" में शामिल "नौबतखाने में इबादत" कहानी प्रसिद्ध लेखक यतीन्द्र मिश्रा की एक महत्वपूर्ण रचना है। यतीन्द्र मिश्रा हिंदी के आधुनिक कथाकारों में से एक हैं, जिनकी कहानियाँ समाज और व्यक्ति के मनोविज्ञान को गहराई से प्रस्तुत करती हैं।

कहानी का सार:

"नौबतखाने में इबादत" कहानी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में आधारित है, जिसमें नौबतखाना, एक स्थान जहाँ पर शाही दरबार के समय संगीत और अन्य प्रदर्शन होते थे, का संदर्भ है। कहानी में एक मुस्लिम नौबतकार के जीवन और उसके धर्म के प्रति समर्पण की गाथा प्रस्तुत की गई है।

कहानी के मुख्य पात्र, नौबतकार, एक धार्मिक व्यक्ति हैं जो अपने कार्य को ईश्वर की पूजा के रूप में मानते हैं। वह अपने पेशे के माध्यम से संगीत और कला के जरिए ईश्वर की आराधना करता है। कहानी में बताया गया है कि कैसे वह अपने पेशे और धर्म के बीच सामंजस्य बनाए रखता है, और अपने कार्य को एक धार्मिक कृत्य के रूप में देखता है।

भावार्थ:

"नौबतखाने में इबादत" कहानी का भावार्थ यह है कि धर्म और पेशे के बीच एक गहरा संबंध हो सकता है, और व्यक्ति अपने काम को ईश्वर की सेवा के रूप में देख सकता है। यह कहानी यह भी दर्शाती है कि धार्मिक समर्पण और पेशेवर निष्ठा को एक साथ जोड़ा जा सकता है।

महत्त्व:

"नौबतखाने में इबादत" कहानी का महत्त्व इस बात में है कि यह धार्मिक समर्पण और पेशेवर जीवन के बीच एक सकारात्मक संबंध को प्रस्तुत करती है। यतीन्द्र मिश्रा की यह रचना यह सिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने पेशे को ईश्वर की सेवा का माध्यम बना सकता है, और यह भी दिखाती है कि समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को कैसे सम्मानित किया जा सकता है। यह कहानी छात्रों को धर्म, संस्कृति, और पेशे के बीच सामंजस्य और समझदारी का पाठ पढ़ाती है।